एक परिकथा
जो पुराने जमाने की परिकथाओं के मिथक तोड़ती हैं, जहाँ एक साधारण परिवेश में जन्मी असाधारण खुबसुरत लड़की को राजकुमार लेने आता था
मुझे लगता है उन कहानियों को बदले रूप में अपने बच्चों को सुनाने का समय आ गया है।
हाल फिलहाल एक प्रेरणादायक कहानी (भव्य परी) की नायिका भी साधारण परिवार से, असाधारण खूबसूरती के साथ आती है पर वो अपनी खुबसुरती के दम पर किसी राजकुमार का इंतजार करने की बजाय खुद को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करती है और अपने समाज की प्रथम महिला IAS Officer बनने का गौरव प्राप्त करती है। इस कहानी के हर पक्ष ने एक प्ररेणा स्थापित की है देश, समाज के लिए जहाँ परी बिश्नोई ने अपनी काबिलियत के दम पर अपने किरदार को भव्यता दी है वहीं बिश्नोई समाज के चौधरी परिवार ने अपने शहज़ादे भव्य की जिंदगी का फैसला, रूतबों का सौदा न करके उनके लिए उनकी जीवनसाथी के रुप में असली हीरे का चुनाव किया।
बिश्नोई रत्न चौधरी भजनलाल जी के पोते भव्य बिश्नोई की शाही शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं पर मुझ सी फकीर इंसान के नज़रिये से देखें तो ये परिकथा इसलिए खास मायने रखती है कि ये बेटियों को अपने किरदार बौद्धिक स्तर पर मजबूती से गढने के लिए प्रेरित करती है। जरूरत है समाज के लोगों को इससे प्रेरणा लेकर अपनी बेटियों के लिए नजरिया बदलने की।
नवविवाहित #भव्य_परी को #हार्दिक #शुभकामनाएं इसी आशा के साथ की आपकी #परिकथा का सफर शानदार रहे 💐